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Sunday, November 21, 2021

यात्राएं और हम

यात्राएं जीवन को अलग स्तर पे ले जाती हैं... और जिंदगी
एवम् संघर्ष के प्रति हमारे दृष्टिकोण में अनूठा बदलाव लाने
में कारगर साबित होती हैं। परंतु मध्यम वर्गीय परिवार से
होने के वजह से मैं यात्राएं नहीं कर पाता... हमेशा
परेशानियों को कम करने में ही उलझा रहता हूं। हम सब
शांति और सामंजस्य चाहते हैं जबकि हमारे जीवन में इन्हीं
की कमी है हम सभी सुखी होना चाहते हैं हम इसे अपना
अधिकार समझते हैं फिर भी सुख एक ऐसा लक्ष्य है जिसके
लिए हम बहुधा प्रयत्न करते हैं परंतु प्राप्त नहीं कर पाते।
भागदौड़ भरे इस जीवन में स्वयं को भूलने सा लगा हूँ...अब
न दिन का पता चलता है न रात का आभास होता है... वक्त
फिसलता जा रहा है और जिम्मेदारियां एक-एक करके जमा
हो रहीं हैं... बेशक सफ़लता दूर है... परन्तु इस कठिन समय
में, मैं जिन्दगी के महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त कर रहा हूँ...!!

Thursday, November 4, 2021

गुल्लक सा बचपन

दीवाली की सफाई में
किसी दराज़ कहीं अलमारी में ...
हर बार मिलता है मेरा बचपन मुझ से ...
कभी खिलौनों में कभी गुल्लकों में ...
कभी किताबों में कभी बर्तनों में.
कभी पुरानी एलबमों की कुछ तस्वीरों में
मैं कुछ देर रुक कर उसके साथ कुछ वक्त बिता कर
फिर से रख देता हूँ उसे संभाल कर वहीं किसी दिन यूँ ही फिर से मिलने के लिए

Monday, November 1, 2021

अच्छा लगता हैं

 दिन के किसी भी वक़्त अपने लिए चाय बनाना ...

किसी अधूरी पढ़ी किताब को पूरा पढ़ जाना ...

किसी पुराने दोस्त से फ़ोन पर घंटो बतियाना ...

चाय के प्याले में बिस्किट का टूट के गिर जाना

जा कर बालकनी में कुछ पौधों से मिल कर आना ...

रूठना खुद ही से फिर खुद ही को समझाना ...

रेडियो पर कुछ पुराने गाने सुन कर गुनगुनाना

आईने में कुछ देर तक देखना खुद को ...

और देख कर कई तरह की शक्लें बनाना ...

अच्छा लगता है कभी कभी ...

खुद के साथ भी कुछ वक़्त बिताना ...