यात्राएं जीवन को अलग स्तर पे ले जाती हैं... और जिंदगी
एवम् संघर्ष के प्रति हमारे दृष्टिकोण में अनूठा बदलाव लाने
में कारगर साबित होती हैं। परंतु मध्यम वर्गीय परिवार से
होने के वजह से मैं यात्राएं नहीं कर पाता... हमेशा
परेशानियों को कम करने में ही उलझा रहता हूं। हम सब
शांति और सामंजस्य चाहते हैं जबकि हमारे जीवन में इन्हीं
की कमी है हम सभी सुखी होना चाहते हैं हम इसे अपना
अधिकार समझते हैं फिर भी सुख एक ऐसा लक्ष्य है जिसके
लिए हम बहुधा प्रयत्न करते हैं परंतु प्राप्त नहीं कर पाते।
भागदौड़ भरे इस जीवन में स्वयं को भूलने सा लगा हूँ...अब
न दिन का पता चलता है न रात का आभास होता है... वक्त
फिसलता जा रहा है और जिम्मेदारियां एक-एक करके जमा
हो रहीं हैं... बेशक सफ़लता दूर है... परन्तु इस कठिन समय
में, मैं जिन्दगी के महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त कर रहा हूँ...!!
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