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Thursday, September 16, 2021

इक फोन काल

रात १२ के बाद और सुबह ४ के पहले
 किसी अपने का जो काल आता है न  
वो रिसिव करनें से पहले पुरे दिमाग और दिल 
को हिला के रख देता है।
दिमाग में सवालों का गुब्बारा सा फट जाता है। 
ये सबसे डरावने फोन काल होते हैं। 
जब ये आते है न तो रिसिव करनें से पहले 
लम्बी लम्बी सांसें लेनी पड़ती है 
ये फ़ोन काल कुछ भी कर सकता है। 
जिन्दगी में तबाही ला सकता है। 
कुछ पल के लिए सुन कर सकते हैं 
आपके दिल और दिमाग को।
कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ कुछ दिन पहले
इक काल अभी रिसिव किया मैंने।
जैसे ही फ़ोन को छुआ रिसिव करनें के लिए 
मेरी हाथ कांपने लगा लम्बी सांसें लीं और 
रिसिव किया
अब बस ये ही जेहन में रहता है ।
काश उस रात वो काल न आई होती 
तो कितना अच्छा होता। 
लेकिन हम इन्सान क्या कर सकते हैं 
होनी को कौन टाल सकता हैं
वो फोन काल तो आना ही था सब फिक्स था ४.
३० Am
वो फ़ोन काल इक पल में बहुत सारे ।
हसीना पलों को समेटे लें गया। 
और दें गया बहुत कुछ जो इन्सान
 कभी नहीं चाहता वो सबकुछ 😔