लेकिन तेरा दिल है जो पिघलता ही नहीं
तुमसे मिले हुए सालो हो गया
पर तेरा ख्याल है जो दिल से निकलता ही नहीं
ऐसे तो बहूत अजनबी आये तुझसे मिलने के बाद
लेकिन क्या करे तेरे सिवा ये दिल किसी को समझता ही नहीं
बहुत शिकायतें है मुझको तुझसे
लेकिन ये मेरा दिल अब तुमसे कुछ कहता है नहीं
सोचता हु देखु इक बार आ के तेरा चेहरा
तुझे समाने बैठा के
सोचता हूं मिलूं तुझसे कभी फुर्सत निकाल के
लेकिन तेरा ओ ना कहने का डर
दिल से निकलता ही नहीं
तुझसे मोहब्बत हुए सालों हो गया तेरा दिल है
जो पिघलता ही , नहीं है
दिल याद करता है बार बार
तुम मिल लो तो इक बार..🤟👉M🙎 Vinod kushwaha