आपके जीवन का हर एक अंत, जो आपका अतीत बनकर आपके पीठ पर बैठकर सवारी करता है, दरअसल उसे आप भुला देना चाहते हैं; लेकिन आप उसे कभी भूल नहीं पाते। आपकी स्मृतियों में वह जगह हमेशा रिक्त रहती है। उसे कोई भर नहीं सकता—न तो वर्तमान और न भविष्य।
अतीत जो आपके कई सारे अंत से मिलकर बना है, यह आपको इंसान होने का एहसास दिलाता रहता है… आपको भावुक करके, क्रोधित करके, आप छटपटा सकते हैं; क्योंकि आपके हाथ में कुछ नहीं है—सिवाय याद करने के—इसलिए याद करते रहिए—अपने बचपन का अंत, स्कूल के दिनों का अंत, कालेज का अंत। हर उस रिश्ते का अंत जिसमें आप प्रेम महसूस करते थे। अंत से जुड़े रहिए, याद करते रहिए। इंसान बने रहिए। स्मृतियों को याद करते रहिए क्योंकि ये आपके जिंदगी की इक हिस्सा होती हैं जो आपका बिता हुआ कल है। भविष्य को हम दोबारा जी नहीं सकते बस कल्पना कर सकते हैं
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