(Vinod kushwaha) Born in Eastern UP, a microbiologist by profession and unseen storyteller by soul, I walk where science and literature walk the dusty roads together, weaving unseen stories.
Thursday, January 19, 2023
मानव और टेक्नोलॉजी
कैसे टेक्नोलॉजी ने इन्सान कि जिन्दगी को अपने बस मे कर लिया हैं हम कहते हैं हमने दुनिया को बस में कर लिया है लेकिन सच्चाई ये हैं कि टेक्नोलॉजी के अविष्कारों ने हमारी जिंदगी को अपने बस में कर लिया है हम मोबाइल के बिना इक दिन नहीं रह पाते। हम टेक्नोलॉजी के अधिन हों गये हैं और टेक्नोलॉजी ने हमें ग़ुलाम बना लिया है। आज हमारे दिमाग पर वो इस कदर हावी हो गया है ही हम टेक्नोलॉजी ही अपने जीवन का आधार मान लिए है। हम इस टेक्नोलॉजी के जरिए उन कम्पनियों के गुलाम हो गये है जिन्होंने इसे बनाया है। सच्चाई के तौर पे आप देख सकते हैं टिविटर को आम आदमी नहीं सरकारें भी गुलाम है इसके जो फिचर ला रहे उसे मानने पे वो किसी भी देश के प्रधानमंत्री को भी मजबूर कर दे रहा। इक दिन ऐसा आएगा कि टेक्नोलॉजी का हमारे सांसों पे कब्जा होगा और हम सांसें लेंगे कब और कब नहीं लेंगे ऐ कम्पनियों के निर्णय लेंगी। हमारी बदलते हुए परिवेश ने हमारी जिंदगी की कठीनाई का कम नहीं और जोखिम कर रहा हैं ,,,, read more.👉 Please wait writer have no sufficient time for writing 😊
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Post
हर बार कुछ भी वैसा नहीं होता।
हर बार कुछ नया दिखता है। कुछ पुराने के साथ। बच्चे बड़े हो जाते है, बड़े के चेहरे पे झुरिया आ गई होती है। बूढ़े और झुक गए होते है, पौधा पेड़ ...
-
पुराने जगहों पे पुरानी चीजें ही। अतीत को याद दिलाती है। अगर पुरानी चीजें पुरानी जगह से सब कुछ बदल जाए तो। मान लेना चाहिए कि आप वहां कभी गए ...
-
A There are a few things in life so beautiful they hurt: swimming in the ocean while it rains, reading alone in empty libraries, the sea...
-
छात्रों का संघर्ष बस छात्रों के कमरे की दीवार ही देख पाई है। कहा देख पाती है दुनिया दुनिया का सबसे बड़ा संघर्ष। दुनिया बस देखा है सफल और अस...
No comments:
Post a Comment