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Thursday, August 26, 2021
अतीत
बहुत दिनो बाद आलमरी खोली तो कुछ यादें बिखरी हुए मिली 5 क्लास की रफ, 6 क्लास की किताब कुछ खिलाउने कुछ पेंसिल। सबको समेटे के गौर से देखा तो बचपन की अतित में खो गया। मास्टर साहब की लिखी हुई बात hurt कर गयी। जो 4 में मेरे कापी में लिखी थी। राइटीनग सुधारने कि कोशिश करें। कोशिश तभी से अभी तक जारी है। आज इक दुकान पे मिल गये वहीं वाले सर जी। बोले थोड़ा इक नम्बर लिख दो। कहीं काल पे थे बात कर रहे थे तब तक हम पहुंच गये। पेन उठाया बोले बोलीये सर जी। लिखना शुरू करते ही मुझे पुरानी बात याद आ गयी। वहीं वाली। तब तक बोल पड़े मास्टर साहब अरे अब त साफ साफ लिख द। या कसम खा लेले बाडय। हम ऐसे ही लिखेम। हम सोचें गज़ब वेइजती हैं यार ।
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