कॉलेज के दूसरे दिन भी जैसे ही विशाल कॉलेज आया, उसकी निगाहें तो मानों बस रिचा को ही ढूंढ रही हो। विशाल ने रिचा से किसी भी तरह किसी भी बहाने से बात करने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसे ये मौका ही नहीं मिल पाया। ये सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। तभी एक दिन कॉलेज में एक असाइंमेट के लिए एक ग्रुप बनाया गया, जिसमें रिचा और विशाल का नाम एक ही ग्रुप में था। ये सुन विशाल बहुत खुश हो गया। आखिर अब उसे रिचा से दोस्ती करने का मौका जो मिल गया और वो इस मौके को किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहता था। और हुआ भी ऐसा ही, साथ असाइंमेंट बनाते हुए रिचा और विशाल में बातचीत शुरू हुई और फिर देखते ही देखते दोस्ती भी हो गई।
समय के साथ – साथ अब रिचा और विशाल काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे। लेकिन रिचा और विशाल की दोस्ती धीरे – धीरे कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी। फिर एक दिन मौका देखकर विशाल ने रिचा को प्रपोज कर दिया। रिचा भी विशाल को मना नहीं कर पाई, क्योंकि कहीं ना कहीं उसके दिल में भी विशाल के लिए प्यार वाली फीलिंग आ चुकी थी। अब दोनों दोस्त के साथ – साथ lovers भी बन चुके थे। इसलिए कॉलेज के बाद भी दोनों का मिलना-जुलना जारी रहा। अब तो पूरे क्लास को भी रिचा और विशाल की लव स्टोरी के बारे में मालूम हो गया था। विशाल हमेशा रिचा को महंगे- महंगे गिफ्ट देता और रिचा भी प्रोजेक्ट बनाने में विशाल की हेल्प करती। सभी कहते कि रिचा और विशाल एक – दूसरे के लिए ही बने हैं, यानी कि ये परफेक्ट कपल हैं।
रिचा भी हमेशा विशाल से शादी के लिए पूछती थी, तो विशाल हमेशा रिचा को भरोसा दिलाता कि अब वो उसके बिना नहीं जी सकता। तीन साल तक तो दोनों का रिलेशन बहुत अच्छा चला। लेकिन कॉलेज के बाद अब रिचा और विशाल का मिलना काफी कम हो गया। रिचा के फोन करने पर भी विशाल ठीक से उससे बात नहीं करता, वो कहता कि वो अपने पापा के बिजनेस में ध्यान दे रहा है। हालांकि रिचा ने अपने घर में भी विशाल के बारे में सबकुछ बताया था, इसलिए उसके घरवाले भी अब उस पर विशाल से शादी का दवाब बनाने लगा। लेकिन अब रिचा अपने घरवालों को भी कोई जवाब नहीं दे पा रही थी। फिर एक दिन रिचा विशाल के पापा के रेस्टोरेंट पर पहुंच गई, वहां उस वक्त विशाल नहीं था। तो रिचा ने विशाल के पापा को कहा कि वो विशाल की फ्रेंड है और यहां से गुजर रही थी तो यहां आ गई।
विशाल के पापा ने रिचा को बैठाया और वेटर से कुछ खाने – पीने की चीजें लाने को कहा। दोनों बैठकर बातें करने लगे कि तभी विशाल के पापा ने कहा कि ‘बेटा तुम आ रही हो ना विशाल की शादी में’। ये सुन तो मानो रिचा को अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ। उसने फिर से पूछा तो उन्होंने कहा कि ‘हां विशाल की शादी है अगले महीने और उसी की तैयारी में लगा है। बहुत खुश है वो आखिर अपनी पसंद की लड़की से जो शादी कर रहा है। दोनों स्कूल टाइम से ही एक – दूसरे को जानते हैं।‘
ये सुन अब रिचा बिल्कुल निशब्द हो गई और वहां से निकल पड़ी। घर आकर रिचा सीधे अपने कमरे में गई और खुद को कमरे में बंद कर घंटो रोइ । रिचा ने अपने माँ और पापा को इस विषय में बताया तो उन्होंने रिचा को किसी तरह समझाया कि ज़िन्दगी में अब तुम्हे आगे बढ़ना चाहिए और भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. जो गुजर गया वो गुज़र गया, अब उसके बारे में सोच कर अपनी आगे की ज़िन्दगी ख़राब मत करो.
लेकिन रिचा अभी भी विशाल को भुला नहीं पायी और रोज़ रात को रोते हुए अपने दिल को दिलासा देते हुए कहती है “तो क्या हुआ, जो इक दिल टूट गया”.
दोस्तों, आपका प्यार हमेशा सफल और सच्चा हो, ये जरूरी नहीं होता। कई बार लोगों को प्यार में धोखा भी होता है, लेकिन इसमें कहीं ना कहीं कमी आपमें भी रही होगी। जो आपने ऐसे इंसान से प्यार किया जो आपके लिए था ही नहीं। कहीं ना कहीं इंसान को परखने में गलती आपसे भी हुई होगी।
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