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Friday, September 27, 2019

Mai aur Mera gum

चले हैं लोग मैं रस्ता हुआ हूं
मुद्दत से यहीं ठहरा हुआ हूं
ज़माने ने मुझे जब चोट दी है
मैं जिंदा था नहीं जिंदा हुआ हूं
मैं पहले से कभी ऐसा नहीं था
मैं तुमको देखकर प्यारा हुआ हूं
मैं कागज सा न फट जाऊं
ए लोगो उठाओ ना मुझे भीगा हुआ हूं
मेरी तस्वीर अपने साथ लेना
अभी हालात से सहमा हुआ हूं
कभी आओ इधर मुझको समेटो
मैं तिनकों सा कहीं बिखरा हुआ हूं
चलो अब पूछना तारों की बातें
अभी मैं आसमां सारा हुआ हूं
मुसलसल बात तेरी याद आई गया
वो वक़्त मैं उलझा हुआ हूं
बुरा कोई नहीं होता जन्म से
मुझे ही देख लो कैसा हुआ हूं
ज़माने ने मुझे जितना कुरेदा
मैं उतना और भी गहरा हुआ हूं

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