हर अधूरी कहानी घर लौट रही है। उन्हें याद करते जो छूट गई बरसो पहले। चौक, चौराहा, कॉलेज, स्कूल। खेत, खलिहान, अकेला मकान। वो सारे जो अतीत की स्मृति में सिमट गई है। त्योहारे अक्सर जागृत कर जाती है।अतीत की स्मृति को।
A Few Things From My Diary
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Saturday, October 12, 2024
स्मृतियां और लौटते हुऐ लोग
मेट्रो, रेलवे, बस स्टैंड, हर जगह बढ़ते भीड़ ये बता रहे है। की लौटना ही पड़ता है स्मृति में सुकून के लिए एक अंतराल के बाद।
Sunday, August 25, 2024
मुझे याद है
बहुत कुछ भुला देने के बाद भी
मुझे याद आता है
छप्पर का वह पुराना घर
जिसमें सिर्फ एक ही दरवाजा था
और वह, अंदर की तरफ खुलता था। ईट की बनी हुई दिवारे थी। और घिस गई थी। हर बारिश के बाद ऊपर से पानी रिसने लगता था.! टप टप कर के नीचे जमी हुई पानी में मिल जाता था।
Wednesday, August 7, 2024
Dictatorship and democracy
The protection of democracy lies in the hands of the youth, if any country youth to be avoid to express noise of democracy and freedom of speech due to fear of government, democracy turn into dictatorship,
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