मुझे याद आता है
छप्पर का वह पुराना घर
जिसमें सिर्फ एक ही दरवाजा था
और वह, अंदर की तरफ खुलता था। ईट की बनी हुई दिवारे थी। और घिस गई थी। हर बारिश के बाद ऊपर से पानी रिसने लगता था.! टप टप कर के नीचे जमी हुई पानी में मिल जाता था।
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