पढ़ाई हमें हर कामो में सुधार लाना सिखाती हैं 
पढ़ाई हमें हमारे संस्कारों से भी अवगत कराती है
,संस्कार बिहीन हो जाना आधुनिक कपड़े पहन 
लेना ही ज्ञनी की निशानी नहीं होती। 
अगर ऐसा होता तो दुनिया चारकय और विवेकानंद
 को ज्ञानी के रुप में नहीं जानती ।
आधुनिक सोच होनी चाहिए संस्कार पुरानी ही 
 अच्छी है।
 
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