मेरे पड़ोस में रहने वाला दीपक,साफ़ दिल का और नेक लड़का था। उसकी जिंदगी तब तक बहुत अच्छी चल रही थी जब तक की उसके ज़िन्दगी में कोई लड़की नहीं आयी थी।मुझे आज भी वो दिन याद है जब दीपक के जिंदगी में कोई नहीं था,वो पढ़ाई छोड़ कर रियल स्टेट का कारोबार करने लगा था, जिसमे उसने खूब पैसा कमाया। उसका जान पहचान बहुत सारे लोगो से हो गया था।और अपने व्यवसाय की वजह से उसकी पहुंच भी बहुत ऊपर तक हो गयी थी,लेकिन वो अपनी जिंदगी में ही मशगूल रहा करता था।इतनी व्यस्तता के बाद भी वो समय निकाल कर मेरे पास आता था और बहुत सारी बातें किया करता था।उसकी बातें सुन कर कुछ देर तक मैं भी टेंशन फ्री हो जाता था,क्योंकि वो अपने क्लाइंट की अजीबो गरीब हरकत के बारे में बताया करता था और हम दोनों बहुत हसा करते थे। दीपक जाति के हिसाब से यदुवंशी था,लेकिन उसके जिंदगी जीने के हिसाब से कभी ऐसा नहीं लगा की वो यदुवंशी है । एक दिन अचानक उसके जिंदगी में एक लड़की आयी जिसका नाम ख़ुशी था, ख़ुशी से मिलना,पूरा का पूरा फ़िल्मी लग रहा था। बात दरसल ये थे की सुबह का समय था और दीपक अपने एक क्लाइंट को प्लाट दिखा कर अकेले अपने कार से लौट रहा था,तभी एक लड़की ने लिफ्ट लेने का इशारा किया और दीपक ने कार को रोक दिया,लड़की कार में बैठते हुए बोली की उसे कॉलेज जाना है जो रास्ते में ही पड़ता है,कॉलेज तक छोड़ देने का रिक्वेस्ट किया । दीपक मान गया और कॉलेज तरफ जाने लगा। फिर लड़की ने बताया की उसे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से उसे काफी परेशानी हो रही है,कॉलेज वाले ना जाने क्यों उसे परेशान कर रहे हैं, दीपक ने कार चलाते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल को कॉल किया और लड़की का नाम ख़ुशी बता कर बोला की इस लड़की का एडमिशन ले लीजिये,मेरी जान-पहचान वाली है।ख़ुशी को आस्चर्य हुआ की एक साधारण सा दिखने वाला लड़का सीधे कॉलेज के प्रिंसिपल को कॉल कर दिया है,जबकि दीपक की उम्र भी ज्यादा नहीं थी। कॉलेज के पास कार रोकते हुए दीपक ने कहा जाओ तुम्हारा एडमिशन हो जायेगा,इस पर ख़ुशी ने दीपक का मोबाइल नंबर मांग लिया और बोली जरुरत होगा तो कॉल कर सकती हूँ? इस पर दीपक ने अपना मोबाइल नंबर देते हुए बोला जरूर,कभी जरुरत पड़े कॉल कर ले।उस दिन ख़ुशी का एडमिशन हो गया और उसने दीपक को कॉल करके धन्यवाद बोला।कुछ दिनों के बाद दीपक फिर काम में व्यस्त हो गया और लड़की अपने कॉलेज की जिंदगी में। लेकिन शायद भगवान को एक बार फिर से ख़ुशी और दीपक को मिलवाना था इसलिए,तो ख़ुशी को एक बार फिर दीपक को कॉल करना पड़ गया,बात दरसल ये हुई की ख़ुशी बहुत तेज बीमार पड़ गयी जिसकी वजह से वो बहुत दिनों तक कॉलेज नहीं जा पायी और कॉलेज वालो ने उसे परीक्षा के लिए फॉर्म नहीं भरने दिया।जिसकी वजह से ख़ुशी को दीपक को कॉल करना पड़ा और दीपक वापस कॉलेज आ कर उसका फॉर्म भरवा दिया, ख़ुशी बहुत ही दुबली नजर आ रही थी, उसका चेहरा पीला था, वो अभी तक बीमार ही थी, अब दीपक रोज अपने कार से सुबह उसके घर जाता और उसे कार में बिठा कर कॉलेज छोड़ता,फिर कॉलेज के पास ही कार ले कर इंतजार करता और ख़ुशी की जब छूटी होती तब उसे पास के ही दुकान पर जूस पिलाता और घर छोड़ देता।जब तक ख़ुशी की पूरी पढ़ाई नहीं हो गयी,दीपक का रोज का यही रूटीन बना रहा,दीपक के इस व्यवहार के वजह से ख़ुशी ने दीपक को अपना जीवन साथी मान लिया था, दीपक भी ख़ुशी को अपना जीवन संगनी मान चूका था।जो ख़ुशी पतली दुबली थी वो आज फूल कर लाल-लाल हो गयी थी,जिसका वजह दीपक के द्वारा ख़ुशी को जूस पिलाना और अच्छा खाना खिलाना था,कॉलेज के अलावे भी ख़ुशी का कोई और काम होता तो दीपक उसे भी कर दिया करता था
ख़ुशी के चक्कर में उसके सारे क्लाइंट दीपक से नाराज हो गए,क्योंकि दीपक अपने क्लाइंट को समय नहीं दे पता था, 2 साल कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने में लग गया और इन दो सालो में दीपक ने पिछले 6 साल की कमाई ख़ुशी पर खर्च कर चूका था और उसे थोड़ा भी अफ़सोस नहीं हुआ क्योंकि आगे चल कर ख़ुशी उसकी जीवन संगनी ही जो बनने वाली थी। ख़ुशी की पढ़ाई खत्म होने वाली थी,और पढ़ाई खत्म होने के बाद दोनों शादी करने वाले थे, सिर्फ एक प्रोजेक्ट वर्क ख़ुशी का करना रह गया था,वो भी दीपक को ही करवाना था।इसी बीच ख़ुशी के पिता ने ख़ुशी का रिश्ता तय कर दिया,ख़ुशी विरोध नहीं कर पायी और ये बात जब ख़ुशी ने दीपक को बताया तो दीपक पूरी तरह से टूट गया।वो ख़ुशी को बोला की उसके बिना वो जिन्दा नहीं रह सकता, इसलिए उसे छोड़ कर मत जाओ,उसने अपने प्यार का वास्ता दिया,इस पर ख़ुशी ने कहा की वो राजवंशी है और वो अपने जाति के विपरीत नहीं जा सकती। जिस दीपक ने अपने जीवन के 2 साल ख़ुशी को दे दिए,कभी उसे किसी चीज की समस्या नहीं होने दी,वो ख़ुशी आज राजवंशी होने की बात कर रही है, जब उसने उसका साथ उस समय दिया जब वो बिलकुल अकेली थी, तब तो एक यदुवंशी ने ही उसका एडमिशन करवाया,बीमार थी तब कॉलेज छोड़ा,उसका ख्याल रखा,उस समय तक वो भूल गयी की दीपक यदुवंशी है,और आज शादी की बात हुई तो उसे याद आ गया।खैर ख़ुशी के जाने के बाद दीपक सदमे में आ गया और वो घर बंद करके रहने लगा ना किसी से मिलता था ना ही किसी से बात करता था, एक दिन अचानक दीपक घर से निकला तो उसे देख मुझे बहुत ख़ुशी हुई,दीपक ने बताया की वो ख़ुशी से मिलने जा रहा है, ख़ुशी ने.बात करने को बुलाया है,शायद वो मुझसे दूर नहीं रह सकती इसलिए मुझे बुलाया है,मैं भी खुश हुआ,क्योंकि बहुत दिनों के बाद दीपक के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही थी, दीपक शाम को आया तो उसका चेहरा उतरा हुआ था,मैंने जब दीपक से पूछा क्या बात हुई तो दीपक ने बोला की ख़ुशी ने प्रोजेक्ट वर्क पूरा करवा देने के लिए बुलाया था,मैंने दीपक से बोला प्रोजेक्ट वर्क मत करवाओ,दीपक ने बोला की मैंने उससे वादा किया है,इसलिए मैं अपना वादा निभाउंगा, और दीपक ने ख़ुशी का प्रोजेक्ट वर्क भी पूरा करवा दिया और ख़ुशी से ये वादा भी ले लिया की अब उसे कभी कॉल ना करे, एक बार फिर दीपक अपने पुराणी जिंदगी में मशगूल हो गया,एक बार फिर वो रियल स्टेट के व्यवसाय में उतर गया और मेहनत शुरू कर दिया ,लेकिन आज उसके पास ना कार थी,ना अकाउंट में पैसे ना ही ख़ुशी।
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